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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 गृह विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2782
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- दाग धब्बे कितने वर्ग के होते हैं? इन्हें छुड़ाने के सामान्य निर्देशों को बताइये।

उत्तर -

हमारे दैनिक जीवन में अत्यन्त सतर्कता बरतते हुए भी कपड़ों पर कभी न कभी दाग-धब्बे लग ही जाते हैं। बच्चों के कपड़ों पर तो दाग-धब्बे लगना एक साधारण-सी बात है। कुछ धब्बे तो आसानी से और साधारण उपायों का प्रयोग करके ही छुड़ाये जा सकते हैं जबकि कुछ धब्बे समस्यात्मक होते हैं। इनसे आसानी से मुक्ति पाना सम्भव नहीं होता।

बिना दाग-धब्बे छुड़ाये वस्त्रों को प्रयोग करने से वे हमारी असावधानी व अकुशलता का परिचय देते हैं। गृहिणी को दाग-धब्बे छुड़ाने की कला का अनुभव व अभ्यास होना आवश्यक है। इस कला के ज्ञान के अभाव में वह अपनी अकुशलता का ही परिचय देगी।

दाग-धब्बों के वर्ग - दैनिक जीवन में विभिन्न कार्य-कलाप करते समय जो दाग-धब्बे लग जाते हैं, वे अपनी प्रकृति के अनुसार निम्नलिखित वर्गों के होते हैं-

(1) जान्तव दाग-धब्बे - दूध, अण्डे, माँस आदि के धब्बे इस वर्ग में आते हैं। ये धब्बे प्रोटीन तत्व प्रधान होते हैं। इनके लगने पर वस्त्र को गर्म जल से कदापि नहीं धोना चाहिए। गर्म जल प्रोटीन को अतिशीघ्र जमा देता है जिससे धब्बा स्थायी व पुराना हो जाता है।

(2) वानस्पतिक दाग-धब्ब - चाय, कॉफी, फल व शहद आदि के धब्बे इस वर्ग में आते हैं। ये आम्लिक होते हैं। इनको पृथक् करने के लिए क्षारीय पदार्थों की सहायता लेनी पड़ती है।

(3) चिकनाईयुक्त दाग-धब्बे - मक्खन, घी, तेल, पेन्ट वार्निश, तरकारी के रस के धब्बे चिकनाईयुक्त धब्बे कहलाते हैं। इन धब्बों को साफ करने के लिए सर्वप्रथम अवशोषक पदार्थों का प्रयोग करके चिकनाई का पायसीकरण कर लिया जाता है। चिकनाई पृथक् हो जाने पर उसमें मिश्रित अन्य धूल व अशुद्धियाँ भी स्वतन्त्र होकर मुक्त हो जाती हैं।

(4) खनिज दाग-धब्बे - जंग, स्याही व औषधियों आदि के दाग-धब्बे इस वर्ग में आते हैं। इनमें धातु (खनिज) व रंग का सम्मिलित संगठन रहता है। आम्लिक प्रतिकर्मकों (Acidic Bleach) का प्रयोग करके इनकी धातु व खनिज पर क्रिया की जाती है। तदुपरान्त अम्लीयता को क्षारीय तनु घोल से उदासीनीकरण करके रंग वाले अंश पर अभिक्रिया की जाती है।

(5) रंग के धब्बे-- ये धब्बे आम्लिक अथवा क्षारीय प्रकृति के हो सकते हैं। इन्हें छुड़ाते समय प्रतिकर्मक (Bleaching Agent) का प्रयोग करने से पूर्व ही धब्बे की प्रकृति की जाँच कर लेनी चाहिए।

(6) झुलसने के धब्बे - इस वर्ग के धब्बों में गर्म इस्त्री या किसी धातु के गर्म भाग के छू जाने पर उत्पन्न धब्बे आते हैं। वस्त्र पर झुलसने के स्थान पर भूरापन आ जाता है।

(7) पसीने के धब्ब - इसका अपना अलग वर्ग है।
(8) घास के धब्बे –घास में क्लोरोफिल की उपस्थिति के कारण इसे अलग वर्ग में रखा गया है।

दाग-धब्बे छुड़ाने के सामान्य निर्देश - दाग-धब्बे छुड़ाते समय कुछ आवश्यक बातों का स्मरण रखना चाहिए। ये सामान्य निर्देश निम्नलिखित हैं-

(1) धब्बे को ताजी अवस्था में सरलता व शीघ्रतापूर्वक हटाया जा सकता है। धब्बा जितना पुराना होता जाता है, उसे छुड़ाना कठिन होता जाता है। ताजा धब्बे को हटाना जितना आसान है, पुराने धब्बे को हटाना उतना ही अधिक समस्यात्मक |

(2) धब्बे की प्रकृति का पता लगाना चाहिए। यदि धब्बे की प्रकृति का ज्ञान न हो सके तो सर्वप्रथम ऐसी विधियों का प्रयोग किया जाना चाहिए जिससे वस्त्र को कम से कम हानि हो। धीरे-धीरे क्रमानुसार सरलतम से जटिलतम विधियों की ओर बढ़ना चाहिए।

सर्वप्रथम वस्त्र के दाग को ठण्डे पानी से धोयें, न छूटे तो गर्म जल का प्रयोग करके देखें। यदि फिर भी न छूटे तो धूप में वस्त्र को ब्लीच कर दाग छुड़ाने का प्रयत्न करें। यदि इनका भी कोई सन्तुष्टिकारक प्रभाव वस्त्र पर नहीं पड़ता तो आम्लिक व क्षारीय प्रतिकर्मकों का बारी-बारी से दाग-धब्बे हटाने में प्रयोग करें। विरंजन की विधि का तो सबसे अन्तिम साधन के रूप में प्रयोग किया जाये।

(3) प्रतिकर्मकों का प्रयोग करने में अत्यन्त सावधानी बरतें। सर्वप्रथम तो इसके तनु घोल का ही प्रयोग करें। ऊनी, रेशमी व रंगीन वस्त्रों के लिये हल्के व तनु घोल (प्रतिकर्मक) का प्रयोग ही उचित रहता है जबकि सूती व लिनन वस्त्रों पर प्रतिकर्मक का प्रयोग गर्म पानी के साथ भी किया जा सकता है।

(4) धब्बा छूटते ही प्रतिकर्मक को ब्रुश आदि से झाड़कर पृथक् कर देना चाहिए। वस्त्र को प्रतिकर्मक के सम्पर्क में तभी तक रखना चाहिए जब तक धब्बा छूट न जाय। वस्त्र को स्वच्छ पानी में एक दो बार खँगाल लेने से प्रतिकर्मक पूर्णतः अलग हो जाते हैं। प्रतिकर्मक वस्त्र पर धब्बा छूटने के पश्चात् भी लगे रहे तो वस्त्र को हानि पहुँचा सकते हैं।

(5) दाग-धब्बे छुड़ाने में कई रसायनों का प्रयोग वस्त्र पर करना पड़ता है। अतः जिस स्थान पर धब्बे छुड़ाने की प्रक्रिया सम्पन्न की जा रही है वह किसी खुले स्थान या खिड़की के समीप होना चाहिए ताकि प्रयोग के समय उत्पन्न गैसें धब्बे छुड़ाने वाले व्यक्ति पर हानिकारक प्रभाव न डाल सकें।

(6) कुछ रासायनिक पदार्थ प्रयुक्त किये जाने पर वे वस्त्र का रंग भदरंग कर देते हैं। ऐसी परिस्थिति में अमोनिया के तनु घोल में वस्त्र डाल देने या अमोनिया की खुली हुयी बोतल को वस्त्र के पास लटका कर कुछ देर रखा रहने देते हैं। इस प्रकार वस्त्र अपना मौलिक रंग ग्रहण कर लेते हैं।

(7) धब्बे छुड़ाने से पूर्व ही वस्त्रों की जाँच कर लेनी चाहिए ताकि उनके रंग कच्चे तो नहीं हैं।

(8) रंगीन वस्त्रों के दाब-धब्बे छुड़ाते समय कभी-कभी उनका रंग भी कच्चा पड़ जाता है। ऐसी स्थिति में पूर्व ही निर्णय कर लेना चाहिए कि धब्बे का बना रहना या वस्त्र का रंग बिगड़ना, इन दोनों स्थितियों में आप किस पक्ष में हैं।

(9) अनेक ज्वलनशील रासायनिक पदार्थ, जैसे एल्कोहॉल, स्प्रिट, पेट्रोल आदि अत्यन्त वाष्पशील होते हैं। जरा सी भी असावधानी से इनकी वाष्प आग को पकड़ लेती है। अतः इनकों प्रयोग करते समय अग्नि से बचाव हेतु उपाय भी अपने पास रख लेना चाहिए।

(10) दाग-धब्बे छुड़ाने की कला में व्यक्ति को अपूर्व लगन व धैर्यशीलता का परिचय देना पड़ता है। एक विधि से सफलता न मिलने पर पुनः दूसरी विधि को प्रयुक्त करना पड़ता है। प्रयोगकर्त्ता की विवेकशक्ति व सहनशक्ति ही उसे इस कार्य में उसकी सफलता में सहायक होती है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- विभिन्न प्रकार की बुनाइयों को विस्तार से समझाइए।
  2. प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 1. स्वीवेल बुनाई, 2. लीनो बुनाई।
  3. प्रश्न- वस्त्रों पर परिसज्जा एवं परिष्कृति से आप क्या समझती हैं? वस्त्रों पर परिसज्जा देना क्यों अनिवार्य है?
  4. प्रश्न- वस्त्रों पर परिष्कृति एवं परिसज्जा देने के ध्येय क्या हैं?
  5. प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (1) मरसीकरण (Mercercizing) (2) जल भेद्य (Water Proofing) (3) अज्वलनशील परिसज्जा (Fire Proofing) (4) एंटी-सेप्टिक परिसज्जा (Anti-septic Finish)
  6. प्रश्न- परिसज्जा-विधियों की जानकारी से क्या लाभ है?
  7. प्रश्न- विरंजन या ब्लीचिंग को विस्तापूर्वक समझाइये।
  8. प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा (Finishing of Fabrics) का वर्गीकरण कीजिए।
  9. प्रश्न- कैलेण्डरिंग एवं टेण्टरिंग परिसज्जा से आप क्या समझते हैं?
  10. प्रश्न- सिंजिइंग पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  11. प्रश्न- साइजिंग को समझाइये।
  12. प्रश्न- नेपिंग या रोयें उठाना पर टिप्पणी लिखिए।
  13. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए - i सेनफोराइजिंग व नक्काशी करना।
  14. प्रश्न- रसॉयल रिलीज फिनिश का सामान्य परिचय दीजिए।
  15. प्रश्न- परिसज्जा के आधार पर कपड़े कितने प्रकार के होते हैं?
  16. प्रश्न- कार्य के आधार पर परिसज्जा का वर्गीकरण कीजिए।
  17. प्रश्न- स्थायित्व के आधार पर परिसज्जा का वर्गीकरण कीजिए।
  18. प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा (Finishing of Fabric) किसे कहते हैं? परिभाषित कीजिए।
  19. प्रश्न- स्काउअरिंग (Scouring) या स्वच्छ करना क्या होता है? संक्षिप्त में समझाइए |
  20. प्रश्न- कार्यात्मक परिसज्जा (Functional Finishes) किससे कहते हैं? संक्षिप्त में समझाइए।
  21. प्रश्न- रंगाई से आप क्या समझतीं हैं? रंगों के प्राकृतिक वर्गीकरण को संक्षेप में समझाइए एवं विभिन्न तन्तुओं हेतु उनकी उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- वस्त्रोद्योग में रंगाई का क्या महत्व है? रंगों की प्राप्ति के विभिन्न स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  23. प्रश्न- रंगने की विभिन्न प्रावस्थाओं का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  24. प्रश्न- कपड़ों की घरेलू रंगाई की विधि की व्याख्या करें।
  25. प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा रंगों द्वारा कैसे की जाती है? बांधकर रंगाई विधि का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  26. प्रश्न- बाटिक रंगने की कौन-सी विधि है। इसे विस्तारपूर्वक लिखिए।
  27. प्रश्न- वस्त्र रंगाई की विभिन्न अवस्थाएँ कौन-कौन सी हैं? विस्तार से समझाइए।
  28. प्रश्न- वस्त्रों की रंगाई के समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
  29. प्रश्न- डाइरेक्ट रंग क्या हैं?
  30. प्रश्न- एजोइक रंग से आप क्या समझते हैं?
  31. प्रश्न- रंगाई के सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं? संक्षिप्त में इसका वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- प्राकृतिक डाई (Natural Dye) के लाभ तथा हानियाँ क्या-क्या होती हैं?
  33. प्रश्न- प्राकृतिक रंग (Natural Dyes) किसे कहते हैं?
  34. प्रश्न- प्राकृतिक डाई (Natural Dyes) के क्या-क्या उपयोग होते हैं?
  35. प्रश्न- छपाई की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- इंकजेट (Inkjet) और डिजिटल (Digital) प्रिंटिंग क्या होती है? विस्तार से समझाइए?
  37. प्रश्न- डिजिटल प्रिंटिंग (Digital Printing) के क्या-क्या लाभ होते हैं?
  38. प्रश्न- रंगाई के बाद (After treatment of dye) वस्त्रों के रंग की जाँच किस प्रकार से की जाती है?
  39. प्रश्न- स्क्रीन प्रिटिंग के लाभ व हानियों का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- स्टेन्सिल छपाई का क्या आशय है। स्टेन्सिल छपाई के लाभ व हानियों का वर्णन कीजिए।
  41. प्रश्न- पॉलीक्रोमैटिक रंगाई प्रक्रिया के बारे में संक्षेप में बताइए।
  42. प्रश्न- ट्रांसफर प्रिंटिंग किसे कहते हैं? संक्षिप्त में समझाइए।
  43. प्रश्न- पॉलीक्रोमैटिक छपाई (Polychromatic Printing) क्या होती है? संक्षिप्त में समझाइए।
  44. प्रश्न- भारत की परम्परागत कढ़ाई कला के इतिहास पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- सिंध, कच्छ, काठियावाड़ और उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  46. प्रश्न- कर्नाटक की 'कसूती' कढ़ाई पर विस्तार से प्रकाश डालिए।
  47. प्रश्न- पंजाब की फुलकारी कशीदाकारी एवं बाग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  48. प्रश्न- टिप्पणी लिखिए : (i) बंगाल की कांथा कढ़ाई (ii) कश्मीर की कशीदाकारी।
  49. प्रश्न- कच्छ, काठियावाड़ की कढ़ाई की क्या-क्या विशेषताएँ हैं? समझाइए।
  50. प्रश्न- कसूती कढ़ाई का विस्तृत रूप से उल्लेख करिए।
  51. प्रश्न- सांगानेरी (Sanganeri) छपाई का विस्तृत रूप से विवरण दीजिए।
  52. प्रश्न- कलमकारी' छपाई का विस्तृत रूप से वर्णन करिए।
  53. प्रश्न- मधुबनी चित्रकारी के प्रकार, इतिहास तथा इसकी विशेषताओं के बारे में बताईए।
  54. प्रश्न- उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- जरदोजी कढ़ाई का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  56. प्रश्न- इकत शब्द का अर्थ, प्रकार तथा उपयोगिता बताइए।
  57. प्रश्न- पोचमपल्ली पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  58. प्रश्न- बगरू (Bagru) छपाई का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  59. प्रश्न- कश्मीरी कालीन का संक्षिप्त रूप से परिचय दीजिए।
  60. प्रश्न- भारत के परम्परागत वस्त्रों पर संक्षिप्त में एक टिप्पणी लिखिए।
  61. प्रश्न- भारत के परम्परागत वस्त्रों का उनकी कला तथा स्थानों के संदर्भ में वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- चन्देरी साड़ी का इतिहास व इसको बनाने की तकनीक बताइए।
  63. प्रश्न- हैदराबाद, बनारस और गुजरात के ब्रोकेड वस्त्रों की विवेचना कीजिए।
  64. प्रश्न- बाँधनी (टाई एण्ड डाई) का इतिहास, महत्व बताइए।
  65. प्रश्न- टाई एण्ड डाई को विस्तार से समझाइए |
  66. प्रश्न- कढ़ाई कला के लिए प्रसिद्ध नगरों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  67. प्रश्न- पटोला वस्त्रों का निर्माण भारत के किन प्रदेशों में किया जाता है? पटोला वस्त्र निर्माण की तकनीक समझाइए।
  68. प्रश्न- औरंगाबाद के ब्रोकेड वस्त्रों पर टिप्पणी लिखिए।
  69. प्रश्न- गुजरात के प्रसिद्ध 'पटोला' वस्त्र पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  70. प्रश्न- पुरुषों के वस्त्र खरीदते समय आप किन बातों का ध्यान रखेंगी? विस्तार से समझाइए।
  71. प्रश्न- वस्त्रों के चुनाव को प्रभावित करने वाले तत्वों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- फैशन के आधार पर वस्त्रों के चुनाव को समझाइये।
  73. प्रश्न- परदे, ड्रेपरी एवं अपहोल्स्ट्री के वस्त्र चयन को बताइए।
  74. प्रश्न- वस्त्र निर्माण में काम आने वाले रेशों का चयन करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
  75. प्रश्न- रेडीमेड (Readymade) कपड़ों के चुनाव में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
  76. प्रश्न- अपहोल्सटरी के वस्त्रों का चुनाव करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
  77. प्रश्न- गृहोपयोगी लिनन (Household linen) का चुनाव करते समय किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है?
  78. प्रश्न- व्यवसाय के आधार पर वस्त्रों के चयन को स्पष्ट कीजिए।
  79. प्रश्न- सूती वस्त्र गर्मी के मौसम के लिए सबसे उपयुक्त क्यों होते हैं? व्याख्या कीजिए।
  80. प्रश्न- अवसर के अनुकूल वस्त्रों का चयन किस प्रकार करते हैं?
  81. प्रश्न- मौसम के अनुसार वस्त्रों का चुनाव किस प्रकार करते हैं?
  82. प्रश्न- वस्त्रों का प्रयोजन ही वस्त्र चुनाव का आधार है। स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- बच्चों हेतु वस्त्रों का चुनाव किस प्रकार करेंगी?
  84. प्रश्न- गृह उपयोगी वस्त्रों के चुनाव में ध्यान रखने योग्य बातें बताइए।
  85. प्रश्न- फैशन एवं बजट किस प्रकार वस्त्रों के चयन को प्रभावित करते हैं? समझाइये |
  86. प्रश्न- लिनन को पहचानने के लिए किन्ही दो परीक्षणों का वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- ड्रेपरी के कपड़े का चुनाव कैसे करेंगे? इसका चुनाव करते समय किन-किन बातों पर विशेष ध्यान दिया जाता है?
  88. प्रश्न- वस्त्रों की सुरक्षा एवं उनके रख-रखाव के बारे में विस्तार से वर्णन कीजिए।
  89. प्रश्न- वस्त्रों की धुलाई के सामान्य सिद्धान्त लिखिए। विभिन्न वस्त्रों को धोने की विधियाँ भी लिखिए।
  90. प्रश्न- दाग धब्बे कितने वर्ग के होते हैं? इन्हें छुड़ाने के सामान्य निर्देशों को बताइये।
  91. प्रश्न- निम्नलिखित दागों को आप किस प्रकार छुड़ायेंगी - पान, जंग, चाय के दाग, हल्दी का दाग, स्याही का दाग, चीनी के धब्बे, कीचड़ के दाग आदि।
  92. प्रश्न- ड्राई धुलाई से आप क्या समझते हैं? गीली तथा शुष्क धुलाई में अन्तर बताइये।
  93. प्रश्न- वस्त्रों को किस प्रकार से संचयित किया जाता है, विस्तार से समझाइए।
  94. प्रश्न- वस्त्रों को घर पर धोने से क्या लाभ हैं?
  95. प्रश्न- धुलाई की कितनी विधियाँ होती है?
  96. प्रश्न- चिकनाई दूर करने वाले पदार्थों की क्रिया विधि बताइये।
  97. प्रश्न- शुष्क धुलाई के लाभ व हानियाँ लिखिए।
  98. प्रश्न- शुष्क धुलाई में प्रयुक्त सामग्री व इसकी प्रयोग विधि को संक्षेप में समझाइये?
  99. प्रश्न- धुलाई में प्रयुक्त होने वाले सहायक रिएजेन्ट के नाम लिखिये।
  100. प्रश्न- वस्त्रों को स्वच्छता से संचित करने का क्या महत्व है?
  101. प्रश्न- वस्त्रों को स्वच्छता से संचयित करने की विधि बताए।

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